कोविद महामारी में कुत्तों पर अत्याचार नही मिला भोजन-पानी : मुरलीधर
बंसीलाल, वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली। मार्स पेट केयर ने हैबिटेट सेंटर में एक वार्ता में बताया कि कोविद 19 के दौरान पालतू हो या स्ट्रीट कुत्ते सभी को बड़ी समस्यों का सामना करना पड़ा था।
देश का पहला पेट होमलेसनेस इंडेक्स जारी करते हुए संस्था के संस्थापक डॉ मुरलीधर ने बताया कि देश की पहली सस्था है जो पालतू जानवरों के बेघर होने की स्थिति जानने के लिये एक योजना बनाई हैै। पेट होमलेसनेस ने इंडेक्स जारी करते हुये बताया कि देश के प्रमुख पशु कल्याण विशेषज्ञों के साथ साझेदारी में यह सूचकांक जारी किया जिसमे कई समस्यों को उजागर किया ।
होमलेसनेस रास्तो के जानवरों के साथ देश मे योगदान देने वालो की भी विशेष पहचान के साथ उनके किये जा रहे कार्यो की भी रूप रेखा बनाई गई है। वार्ता में बताया कि नोँ देशों के 200 से अधिक वैश्विक और स्थानीय स्रोतों से भी डाटा लिया गया है। डेटा में जानवरों के प्रजनन, बन्धी करण , बीमारियों से रोकथाम, टीकाकरण, शेल्टर होम और एडाप्ट करने की दर और जानवरों को रखने की लागत शामिल की गईं है।
कार्यक्रम में बीएस ए डब्लूआर ड़ी के संस्थापक डॉ मुरलीधर, प्रिया चेट्टी राजगोपाल, संजयगान्धी एनिमल केयर सेंटर की निदेशक अम्बिका शुक्ला, अमला अक्कीनेनी, तरुनिश बुलशरा मौजूद रहे।
रिपोर्ट ओर सूचकांक में देखने मे आया है कि भारत मे अनुमानित आठ करोड़ बेघर बिल्लियां ओर कुत्ते शेल्टर होम या सडको पर रहते हैं।
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