पंजाब में धर्म प्रचार की आड़ में 2024 के लोकसभा चुनाव को साधना चाहते हैं सिरसा-कालका : सरना बंधु
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के बैनर तले पंजाब में धर्म प्रचार की आड़ में हरमीत सिंह कालका और मनजिंदर सिंह सिरसा आने वाले समय में सिख संसाधनों को 2024 की लोकसभा चुनाव में साधना चाहते हैं। पंजाब की भोली-भाली जनता के खिलाफ यह एक बड़ा षड्यंत्र है। यह कहना है शिरोमणी अकाली दल दिल्ली (शिअदद) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना का। सरना ने एक प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि सिख कौम कठिन परिस्थितियों से लड़ाई गुजर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके लिए अभी से कालका और सिरसा पंजाब की भूमि में नई सत्ता के लिए जमीन तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ये वही लोग हैं जिन्होंने दिल्ली की सिख संस्थानों को बदतर किया। खुले आम भी लूट-खसोट करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
शिअदद के अध्यक्ष ने कालका व सिरसा के तथाकथित धर्म प्रचार के पीछे के मकसद पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन्होंने डीएसजीएमसी में रहते हुए राजधानी दिल्ली में गुरुमुखी साक्षरता, अमृत संचार और सिक्खी को बढ़ावा देने में बुरी तरह विफल रहे हैं, वो लोग गुरु साहिबान की भूमि में कैसे धर्म प्रचार कर सकते हैं। जहा सिरसा को पंजाबी ,गुरमुखी न बोलनी आती हैं न लिखनी।
सरना ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि असल में सत्ता के भूखे सिरसा-कालका गैंग लोकसभा चुनाव से पहले पंजाब के स्थानीय गुरुद्वारों में पैठ बनाने और निहित स्वार्थों के लिए धार्मिक मंचों का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। सरना ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह एक नापाक साजिश की शुरुआत है, जिसमें डीएसजीएमसी संसाधनों का इस्तेमाल करके पंजाब के सीधे-सादे सिखों को गांवों में ले जाया जा रहा है। उनमें फूट डालो और राज करो की रणनीति का इस्तेमाल करने की कोशिश की जा रही है। ऐसा हम होने नहीं देंगे। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली और पंजाब की संगत को आगाह करते हुए कहा है कि सिरसा-कालका गिरोह को गुरुओं की भूमि में पैर जमाने न दें।
परमजीत सिंह सरना ने सिरसा व उनके सिख नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि ये क्या मिशनरी से निपटेंगे। ये लोग सिर्फ अपने आप को धार्मिक नेताओं के रूप में चरितार्थ कर ठगी को अंजाम देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कालका के असल आका मनजिंदर सिंह सिरसा पूरी तरह सिख कोई का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए के रहे है।
सरना ने सिरसा एंड कंपनी से सवाल किया है कि आखिर उनके पास इस योजना के लिए कोई ब्लू प्रिंट है क्या? क्या आपने इस प्रोजेक्ट के लिए पंजाब के गांवों की मैपिंग की है? इसके लिए अनुमानित लागत क्या है? क्या आपने अपने इस भव्य प्रोजेक्ट की घोषणा करने से पहले दिल्ली की सिख संगत को विश्वास में लिया था? उन्होंने दिल्ली कमेटी के इस तथाकथित धर्म प्रचार परियोजना को महज एक दिखावा करार दिया है।
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