लैंगिक समानता...

प्रगति हेतु दुनिया में लैंगिक समानता महत्वपूर्ण : सोहिनी भट्टाचार्य

कुलवंत कौर, संवाददाता

गुरूग्राम। ब्रेकथ्रू, एक ऐसा संगठन है जो हिंसा की अनुमति देने वाली संस्कृति को बदलकर लैंगिक हिंसा को अस्वीकार्य बनाता है, जिसमें विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव शामिल है| ब्रेकथ्रू ने आज अपनी 24 वीं वर्षगांठ मनाई| अपनी 24 वीं वर्षगांठ के जश्न के हिस्से के रूप में, ब्रेकथ्रू ने एक प्रतीकात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया| एक दोस्ताना फुटबॉल मैच जहां दिल्ली और हरियाणा की किशोरियों ने मैच में भाग लिया, जबकि किशोरों ने 'तेरी जीत, मेरी जीत!' के उद्घोष के साथ उनका उत्साहवर्धन किया| यह शक्तिशाली संदेश दर्शाता है कि एक की जीत सभी के लिए जीत है, और एक साथ, वे बाधाओं को तोड़ रहे हैं और सांस्कृतिक मानदंडों को फिर से आकार दे रहे हैं।फूटबाल मैच कराने का मकसद दुनिया भर में किशोरियों और महिलाओं के प्रति स्वेदनशील होना ओर उनको समान ताकत और व्यक्तिवादी विचारों से अवगत कराना भी मकसद है जिससे अपनी प्रतिभा को पहचान दे सके।

वर्ष 1999 में स्थापित, ब्रेकथ्रू महिलाओं और किशोरियों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को बनाए रखने वाले सांस्कृतिक मानदंडों को बदलने में सबसे आगे रहा है। पिछले दो दशकों में, संगठन ने शिक्षा, सामुदायिक जुड़ाव, मीडिया जुड़ाव और प्रणाली को मजबूत करने वाले बहुआयामी दृष्टिकोण के माध्यम से लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में पर्याप्त प्रगति की है।

ब्रेकथ्रू की सीईओ सोहिनी भट्टाचार्य ने कहा: "लैंगिक हिंसा और भेदभाव जारी है क्योंकि सामाजिक मानदंड मे आज भी उन्हे सम्मान मिलना कठिन है,। समिति का मकसद दुनिया सामाजिक मानदंडों को बदलने के लिए आगे बढ़ाने के प्रयास करना| उन्होंने बताया कि ब्रेकथ्रू सरकारी स्कूलों और समुदायों में लाखों किशोरों के साथ काम करता है,लैंगिक दृष्टिकोण और विश्वासों को आकार देने में मदद करता है, इससे पहले कि वे उन व्यवहारों में बदल जाएं जिन्हें बदलना मुश्किल होता है। ब्रेकथ्रू संस्कृति को बदलने वाले मानदंडों में युवाओं को एक-दूसरे का समर्थन करने के तरीके सीखने में मदद करके, आकांक्षा को बढ़ावा देने और उन्हें बातचीत कौशल सिखाने से जो सपनों को वास्तविकता में बदल सकते हैं, एक पीढ़ीगत बदलाव को सक्षम कर रहा है।आज के रोमांचक फूटबाल मैच मे दिल्ली ओर हरियाणा कि बच्चियों ने उत्साह पूर्वक मैच खेला ओर हरियाणा कि टीम ने एक गोलंकर मैच जीता।

24 वीं वर्षगांठ के अवसर पर ब्रेकथ्रू अपने मिशन मे लगातार महिलाओ के प्रति अटूट समर्पण का प्रतीक है। लैंगिक हिंसा को समाप्त करने की कुंजी विकास के शुरुआती चरणों में निहित है। ब्रेकथ्रू की निदेशक (मीडिया एवं संचार) प्रियंका खेर ने कहा :"ब्रेकथ्रू में हमारा काम हमेशा जमीनी स्तर पर स्थायी बदलाव लाने के लिए समर्पित है, हम एक ऐसे भविष्य का निर्माण कर रहे हैं जहां महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा का कोई स्थान नहीं है और ऐसे नाजुक मोड़ पर किशोरों को शामिल करके लैंगिक मानदंड आकार लेते हैं। हमारी 24 वीं वर्षगांठ इस मार्ग पर एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के समान है, और हम अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं

ब्रेकथ्रू पूरे उत्तर भारत में 1.5 मिलियन से अधिक किशोरों के साथ काम करता है, जो उनके लैंगिक मानदंडों और विश्वासों को अंतर्निहित व्यवहार बनने से पहले ढालता है। स्कूलों में सिस्टम परिवर्तन हेतु कार्य: ब्रेकथ्रू विशेष रूप से पंजाब और ओडिशा राज्यों के शैक्षिक संस्थानों में लैंगिक समानता और सम्मान के मूल्यों को स्थापित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।आगे हम देश के अन्य राज्यों मे भी कार्य करने के लिए योजना बना रहे हैं। मुख्यरूप से उपस्थित पूर्व नेशनल खिलाडी दिशा मल्होत्रा ने बताया कि आज बालिकाओं को खेलना पसंद कियां जाने लगा है संस्थाएं इस को बढ़ावा दे रही है। हम महिलाओं और किशोरियों की सुरक्षा और सशक्तिकरण करते हुए, सकारात्मक और स्थायी परिवर्तनों की बात करते हैं।

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