महर्षि वाल्मीकि सामाजिक समरस्ता का संदेश देने वाले आदिकवि : परमहंस दाती महाराज
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। देवली गांव में आयोजित भगवान वाल्मीकि जयन्ती के अवसर सामाजिक समरसता विचार गोष्ठी पर मुख्य अतिथि श्री श्री 1008 श्री शनिधाम पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी निजस्वरूपानन्दपुरी (दाती महाराज) ने कहा कि आज बड़े भगवान महर्षि वाल्मीकि का प्रकटोत्सव का बहुत सुंदर अवसर है और इस मोके पर सामाजिक समरसता गोष्ठी का यह सुंदर आयोजन आदर्श नवयुवक वाल्मीकि कल्याण समिति को साधुवाद देता हु की समाज को सामाजिक समरसता की सक्त जरुरत है आज हम सब बिखर गये हे कोई अपने आपको जाट कहता है कोई ब्राह्मण तो कोई गुर्ज्जर हम सब जातियों में बट कर रह गये आज हमको एक जुट होकर भारतीय सनातन संस्कृति का सम्मान करना है और उसे आगे बढाना है आगे दाती महाराज ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि सामाजिक समरस्ता का संदेश देने वाले आदि कवि हुए हैं जिन्होंने रामायण की रचना कर पूरे विश्व को पारिवारिक व सामाजिक रिश्तों की मर्यादाओं का महत्व समझाने का अनूठा प्रयास किया।
रामायण में जिस तरह से भगवान राम ने समाज के सभी वर्गो को साथ लेकर व संगठित करके अत्याचार और अन्याय के खिलाफ जो युद्ध लड़ा वह आज भी हम सब के लिए प्रासंगिक है। उन्होंने रामायण में वर्णित सामाजिक समरस्ता के अनेक बिंदुओं का वर्णन करते हुए कहा कि वनवास के समय सबरी माता के जूठे बेर खाना, केवट के साथ संवाद व उसकी नाव में बैठना तथा भगवान श्रीराम की केवट भक्ति के साथ ही उनकी सेना में वानरों के साथ जनजातियों को शामिल करना बताता है कि यह सब विराट हिंदू समाज की परंपरा व संस्कृति में समाहित है। समाज का प्रत्येक व्यक्ति उसके स्वयं के परिवार जैसा है।
अत: विशाल हिंदू समाज में किसी भी रूप में भेदभाव या आस्पृष्यता का कोई भी स्थान नहीं है। सभी लोगो को दाती जी महाराज ने महर्षि वाल्मीकि प्रकटोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दी इस अवसर पर आदर्श नवयुवक कल्याण वाल्मीकि समिति प्रधान सुनील तंवर, महासचिव संदीप तंवर, महासचिव सतीश कुमार, दीपक तंवर सदस्य भारत सरकार, निगम पार्षद श्रीमती अनीता सतपाल सिंगल, निगम पार्षद श्रीमती ममता यादव,पूर्व विधायक विजय जॉली, पूर्व जिला अध्यक्ष आजाद सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष रोहतक जी, जिला अध्यक्ष दक्षिण दिल्ली राजकुमार चौटाला, अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ऐसी विभाग सुनील कुमार आदि मोजूद थे।
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