सीपीएचआई और पीमेक इंडिया के सबसे बड़े संस्करण ने फार्मास्युटिकल उद्योग को दिया नया आयाम
बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली। फार्मास्युटिकल मैनुफैक्चरिंग को नया आयाम देते हुए आज दिल्ली-एनसीआर के ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर में सीपीएचआई एण्ड पीमेक इंडिया 2023 की शुरूआत हुई। भारतीय फार्मा सेक्टर को गति प्रदान करने वाला 16वां संस्करण अब तक सबसे बड़ा संस्करण है, जो फार्मास्युटिकल उद्योग में क्रान्तिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार है। इस संस्करण में हिस्सा लेने वाले हितधारक फार्मा से जुड़े सभी पहलुओं जैसे मशीनरी, पैकेजिंग, एनालिटिकल इन्स्ट्रुमेन्ट्स, लैबोरेटरी तकनीकों, उपकरणों, सहायक अवयवों, इन्ग्रीडिएन्ट्स आदि पर विचार-विमर्श करेंगे।
उद्घाटन समारोह में शिरकत करने वाले दिग्गजों में डॉ. वीरामनी एस.वी, वाईस चेयरमैन, फार्मेक्सिल; श्री हर्ष जैन, प्रेज़ीडेन्ट एफओपीई; श्री राजाभानु, एक्ज़क्टिव डायरेक्टर फार्मेक्सिल, मिस मार्गरेट मा, प्रेज़ीडेन्ट एवं सीईओ- इन्फोर्मा मार्केट्स एशिया; श्री क्रिस ईव, एक्ज़क्टिव वाईस प्रेज़ीडेन्ट- इन्फोर्मा मार्केट्स एशिया; श्री आदम एंडरसन, एक्ज़क्टिव वाईस प्रेज़ीडेन्ट- फार्मा, इन्फोर्मा मार्केट्स, श्री योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया, श्री राहुल देशपांडे, सीनियर ग्रुप डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया और श्री रजनीथ पॉल, ग्रुप डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया शामिल थे।
इस सेक्टर में मौजूद अवसरों पर विचार व्यक्त करते हुए श्री योगेश मुद्रास, प्रबंध निदेशक, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया ने कहा, ‘‘भारत के फार्मास्युटिकल उद्योग में अपार क्षमता है, यह विश्वस्तरीय निर्यात में 20 फीसदी योगदान देते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 25.3 बिलियन डॉलर (2.1 लाख करोड़ रु) के आंकड़े तक पहुंच गया है। डोमेस्टिक एवं इंटरनेशनल प्लेयर्स की ओर से आर एण्ड डी में निवेश इनोवेशन को बढ़ावा दे रहा है। सरकार द्वारा आर एण्ड डी में 5000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ भारत विश्वस्तरीय हेल्थकेयर के विकास में मुख्य लीडर के रूप में उभरा है। इंडिया फार्मा वीक के दौरान सीपीएचआई और पीमेक इंडिया एक्सपो अन्य सहायक आयोजनों के साथ ऐसा विश्वस्तरीय मंच उपलब कराएंगे जो फार्मास्युटिकल उद्योग में आपसी सहयोग एवं कनेक्शन्स को प्रोत्साहित करेगा। इस साल का संस्करण सबसे बड़ा है जो भारत को फार्मा सुपरपावर के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग के विकास पर रोशनी डालते हुए डॉ वीरामनी एस वी, चेयरमैन, फार्मास्युटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन कौन्सिल ऑफ इंडिया ने कहा, ‘‘भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग निरंतर विकास के पथ पर बढ रहा है, इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि उद्योग जगत ने निर्यात में 8 फीसदी सालाना बढ़ोतरी की इऔर सिर्फ अक्टूबर में इसमें 29 फीसदी उछाल आया है। बाज़ार में मौजूद अवसरों, यूएसए में बढ़ती मांग तथा यूएस एवं यूरोप में दवाओं की ज़बरदस्त कमी भी भारतीय बाज़ार के विकास में योगदान दे रहे हैं। सीआईएस देशों में कई चुनौतियों के बावजूद भारत का फार्मास्युटिकल उद्योग सकारात्मक बना हुआ है। डोमेस्टिक मार्केट भी 10 फीसदी विकास के आंकड़े को पार कर गया है, ऐसे में मुझे विश्वास है कि 2030 तक डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट मार्केट में 10 फीसदी विकास के साथ यह 130 बिलियन के आंकड़े तक पहुंच जाएगा। सीपीएचआई और पीएमईसी इंडिया जैसे शो उद्योग जगत के विकास और इनोवेशन कोबढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, साथ ही भारत को विश्वस्तरीय फार्मास्युटिकल मंच पर अधिक मजबूती से स्थापित करते हैं।’’
श्री अनिल मताई, डायरेक्टर जनरल, ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ फार्मास्यूटिकल प्रोड्यूसर्स ऑफ़ इंडिया ने कहा, ‘‘जहां भारत के फार्मास्युटिकल उद्योग में 2030 तक की योजनाओं पर चर्चा हो रही है, वहीं हमारे उद्योग ने 2047 तक के लिए दृष्टिकोण तय किए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की अमृत काल अवधारणा के अनुरूप हम विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर हैं। फार्मास्युटिकल विभाग ने 130 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर 200 बिलियन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की परिकल्पना तय की है। उद्योग जगत में विकास के लिए विनियामक सुधारों, मरीज़ों की ज़रूरतों पर ध्यान देने तथा इनोवेशन्स को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। सीपीएचआई उपलब्धियों, चुनौतियों एवं कारोबार के लिए अनुकूल नीतियों के निर्माण पर विचार-विमर्श के लिए मंच उपलब्ध कराता है।
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