दिल्ली विश्वविद्यालय में मनाया गया ‘वीर बाल दिवस'
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। 'वीर बाल दिवस' 2023 के उपलक्ष्य में दिल्ली विश्वविद्यालय की मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति द्वारा धर्म और समाज के लिए बलिदान होने वाले साहिबजादों के सम्मान में गाँधी भवन, दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘भारतीय सांस्कृतिक मूल्य और वीर साहिबज़ादों का अद्वितीय बलिदान’ विषयक एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। श्री मनजिंदर सिंह सिरसा, नेशनल सेक्रेटरी, भारतीय जनता पार्टी तथा पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली गुरुद्वारा कमिटी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे।
विषय प्रवर्तन करते हुए मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष प्रो. निरंजन कुमार ने इंग्लैंड में छपे एक आलेख के हवाले कहा कि 2014 में संस्कृति को प्राथमिकता देने वाली मोदी सरकार के आगमन के बाद भारत का नवोदय हुआ है। आपने कहा कि भारतीय परंपरा मानवता, परोपकार, और सहिष्णुता की परंपरा है और शिक्षा के माध्यम से हमें इस परंपरा को आगे बढ़ाने की जरूरत है। आपने NCERT आदि के पाठ्यक्रमों में वीर साहिबज़ादों जैसी विभूतियों को शामिल करने की मांग करते हुए राष्ट्र नवनिर्माण की बात की।
मुख्य अतिथि श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वीर बाल दिवस के प्रेरणास्रोत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल को अभूतपूर्व बताया। आपने कहा कि साहिबज़ादों ज़ोरावर सिंह और फ़तेह सिंह को अपने धर्म का बोध था पर हमारे नीति नियंताओं को इसका बोध नहीं था। आपने अब तक के इतिहास के पठन-पाठन में आक्रांताओं के महिमामंडन को राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित बताया और इतिहास को नए रूप में सामने लाने की बात की। आपने भाजपा के 10 लाख से अधिक बूथों पर वीर बाल दिवस मनाए जाने को ऐतिहासिक बताते हुए मोदी जी जी पहलों की प्रशंसा की।
द ऑर्गेनाइजर के संपादक श्री प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि भारत ऐसी अकेली भूमि है जिसने सदियों के संघर्ष के बाद न केवल स्वतंत्रता प्राप्त की बल्कि अपनी नई सांस्कृतिक यात्रा शुरू की। आपने कहा कि भारत में स्वधर्म के लिए बलिदान की बड़ी प्राचीन परंपरा रही है। आपने आयोजन के लिए मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति की सराहना करते हुए वीर साहिबज़ादों और इस तरह के बलिदानों के दस्तावेज़ीकरण और इतिहास के पुनर्लेखन की बात की।
विशिष्ट अतिथि तरलोचन सिंह, सांसद, राज्यसभा तथा पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने कहा कि सिख इतिहास का निर्माण करते हैं पर इतिहास में उनको जगह नहीं दी जाती। आपने वर्तमान सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने भारतीय विरासत को सामने लाने का सराहनीय कार्य किया। आपने कहा कि मोदी जी ने सिखों की माँगें पूरी कीं और आज समस्त भारत में वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेजेस प्रो. बलराम पाणी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी समय से आगे चल रहे हैं और इसी क्रम में वह भारत के इतिहास को पुनर्जीवित कर रहे हैं। आपने कहा कि माननीय कुलपति प्रो. योगेश सिंह के संरक्षण में मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम के माध्यम से विश्वविद्यालय इस तरह के कार्यक्रम करने और समाज में इतिहासबोध का प्रसार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
ध्यातव्य है कि 9 जनवरी 2022 को प्रकाश पर्व पर माननीय प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को श्री गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत की स्मृति में 'वीर बाल दिवस' मनाया जाएगा। इसी संदर्भ में दिल्ली विश्वविद्यालय की मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति ने भी वीर बाल दिवस मनाया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के उच्च पदाधिकारियों सहित डीन, कुलसचिव, विभागाध्यक्ष, प्राचार्य, संकाय सदस्य, शिक्षक, शोधार्थी, छात्र एवं विशेष रूप से सिख समाज के लोग शामिल रहे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रो. दिव्या तिवारी और मंच संचालन प्रो. वर्षा गुप्ता ने किया।
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