विकसित भारत की दिशा में सरकार के क्रन्तिकारी कदम
चन्दन कुमार
नई दिल्ली। किसी भी विकसित देश को यदि हम देखे तो यह स्पष्ट दिखाई पड़ता है कि वहां की इन्फ्रास्ट्रक्चर एक टिकाऊ और आधुनिकता से परिपूर्ण होता है। भारत सरकार ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट बनाने का संकल्प किया है। ऐसें में सवाल यह उठता है कि, क्या भारत को 2047 तक विकसित राष्ट बनाना वास्तव में संभव है ? क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था विकसित राष्टों के मुकाबले काफी पीछे है। पर यदि हम अपने वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर देखे तो इसमें काफी सुधार हुआ है और भारत भविष्य में विश्व पटल पर एक उभरता हुआ अर्थव्यवस्था के रूप में दिखाई पड़ रहा है।
अब बात करें भारत की इन्फ्रास्ट्रक्चर की तो सरकार ने विकसित देशो की तरह टिकाऊ और आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कार्य शुरू करना प्रारंभ किया है। इसका एक बहुत बड़ी मिशाल हम सभी को यतायात की दिशा में दिखाई पड़ रहा रहा हैं। जहाँ सरकार ने बड़े पैमाने पर सड़को की जाल बिछानी शुरू कर दी है। आज भारत की सड़के अमेरिका या चाइना की सड़को की तरह ही अति आधुनिक दिखाई दे रही है। सड़क निर्माण का यह कार्य पुरे देश में युद्ध स्तर पर जारी है। वहीं दूसरी तरफ भारत की लाइफ लाइन कहे जाने वाली भारतीय रेलवे को भी सरकार ने बड़े स्तर पर परिवर्तनकारी निति को अपना कर उसमें बदलाव करना प्रारंभ कर दिया है।
इसका जीता जगता उदहारण है - अमृत भारत ट्रेन, वन्दे भारत ट्रेन, बुलेट ट्रेन इत्यादि। यहाँ पर जो परिवर्तन दिख रहे है उससे यह स्पस्ट हैं की सरकार विकसित देशो के तरह ही एक आधुनिक व दूरदर्शी सोच के तहत टिकाऊ रेल सुविधा बनाने में प्रयत्नशील है। सरकार इस सुविधा में और विस्तार करते हुए कई रेलवे स्टेशनों को भी आधुनिकीकरण करने में लगी हुई है।
इसके अलावे हवाई जहाज और पानी की जहाज की यात्रा एवं मॉल ढुलाई दोनों ही माध्यम को सरकार ने पहले की अपेक्षा काफी सुगम बनाया है। इसके विस्तार में भी बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। आज कई नये हवाईअड्डे देश के कोने कोने में बनाए जा रहें है। अतिआधुनिक उपकरण का प्रयोग करके यथा संभव सरकार की कोशिश है की एक इस दिशा में एक दीर्घ कालिक आय का साधन कायम किया जाए। सरकार का यह प्रयास भी स्पष्ट दिख रही है कि किस प्रकार ब्रह्मपुत्रा नदी के निचे रेल सुरंग, लदाख के पहाड़ी पर रेलवे लाइन, मुंबई और अहमदाबाद के बिच बुलट ट्रेन परियोजना, अरुणाचल फ्रंट हियर हाइवे, मुंबई ट्रांस्बोर लिंक इत्यादि में काम शुरू करके यह साबित कर दिया है कि सरकार विकसित भारत के दिशा में अपनी बुनियादी शुरुआत कर दी है। विकसित भारत में युवाओं की भागीदारी अहम होगी। इसलिए युवाओं को जोड़ने की मुहिम उच्च शिक्षण संस्थानों से शुरू कर दी गई है।
नीति आयोग ने अपने इंटरनेट मीडिया हैंडल पर विश्वविद्यालय और कालेजों तक अपनी पहुंच बनाने की मुहिम शुरू की है। इसमें प्रमुख एल्यूमिनी को भी कार्य सौंपा गया है कि वे विद्यार्थियों को इस मुहिम में भागीदार बनाने के लिए सहयोग दें। उच्च शिक्षण संस्थानों में पोस्टर बैनर भी लगाने के लिए कहा गया है। विद्यार्थियों को माई गवर्नमेंट पोर्टल पर जाकर अपना फीडबैक जमा करवाना है, जिसमें उन्हें यह बताना है कि वह 2047 में किस तरह का विकसित भारत चाहते हैं और इस लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए हमें किस चीज की जरूरत है। वह क्या है जो विकसित भारत के लक्ष्य को संभव बना सकता है? इसके लिए विश्वविद्यालय और कालेज विकसित भारत उत्सव का आयोजन करेंगे, जिसमें विचार-विमर्श और वाद विवाद होगा करता है।
इसके अलावें सरकार द्वरा विकसित भारत संकल्प यात्रा का भी प्रारंभ किया गया है ! जिसका मुख्य उदेश्य है जन जन तक सरकार की योजनओं को यथावत पहुंचाकर प्रमुख योजनाओं में परिपूर्णता हासिल करना और इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन योजनाओं का लाभ सभी लक्षित लाभार्थियों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचे। देश की तीव्र प्रगति को देखते हुए 2047 तक इस महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को साकार कर सकना संभव नज़र आता है।
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