महाराष्ट्र सरकार गुरुद्वारा नियमो में कर रही है बदलाव,कमेटी में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं : बीबी
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। महाराष्ट्र की एकनाथ सिंधे सरकार ने तख्त श्री हजूर साहिब के प्रबंधन को संभालने के लिए गुरुद्वारा बोर्ड के काम को फिर से चलाने के लिए 1956 के अधिनियम को बदलने की लिए पूरी तैयारी कर ली गई है व तख्त सचखंड श्री हजूर अबचल नगर साहिब अधिनियम 2023 बनाया है। यह सीधे तौर पर सिख पंथ के धर्म में हस्तक्षेप है जो बर्दाश्त नहीं।मौजूदा सरकार एक तरफ खुद को सिखों का हिमायती बता रही है,तो दूसरी तरफ अपने छुपे एजेंडे के तहत सिख पंथ के गुरुघरों पर कब्जा करने की साजिश रच रही है,यह गंभीर आरोप लगाया है।
बीबी रणजीत कौर ,महिला विंग शिरोमणि अकाली दल दिल्ली की सेवा दार ने। उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि,जिस प्रकार एक सोची-समझी साजिश के तहत एक धर्म के लोगों के धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है, उसी प्रकार हमारे गुरुधामों को भी सरकार के अधीन करने की साजिश चल रही है।उन्होंने गुरुद्वारा डांगमार साहिब, हरि की पौढ़ी और सिख पंथ के अन्य गुरुद्वारा साहिबों पर कब्जा कर लिया है वही दूसरी तरफ दिल्ली कमेटी और कब्जाधारी प्रबंधक मुँह में ऊँगली डालकर इन मुद्दों से दूर रहते हैं। श्री अकाल तख्त और सिख पंथ के सभी धार्मिक और राजनीतिक संगठनों को एक साथ आकर इसका विरोध करना चाहिए नहीं तो हमारी चुप्पी हमारे गुरुधामों के लिए खतरनाक होगी। नए अधिनियम में सरकार द्वारा नामित 7 सदस्यों की संख्या को बढ़ाकर 12 किया जा रहा है, अब 17 सदस्यीय बोर्ड में 12 सदस्य सरकार द्वारा नामित होंगे, 3 सदस्य निर्वाचित होंगे और 2 सदस्य शिरोमणि कमेटी द्वारा नामित किया जाएगे।
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