ओएनडीसी भारतीय इकामर्स इंटर ऑपरेबल, गेम चेंजर क्यूआर कोड लॉन्च
बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली। जहां छोटे बिजनेस मालिक डिजिटल मार्केट में प्रतिस्पर्धा करने के लिए संघर्ष करते हैं। बड़े खिलाड़ियों से हार जाते हैं। इसकी एक बड़ी वजह होती है- उनके पास ग्राहकों तक पहुंचने के साधन नहीं होना। यह अब तक भारत में अनगिनत विक्रेताओं की हकीकत रही है। आज ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) अपने क्रांतिकारी इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड को लॉन्च करते हुए रोमांचित है, जो ई-कॉमर्स की दुनिया को बदलने और स्थानीय कारीगरों से लेकर पड़ोस के दुकानदारों तक हर विक्रेता को सशक्त बनाने के लिए तैयार है।
लंबे समय से विक्रेताओं को डिजिटल मार्केट में अपनी मौजूदगी स्थापित करने में कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। वे किसी न किसी प्लेटफॉर्म पर आश्रित हैं और उसकी दिक्कतों की वजह से सीमित हैं। वह अपने उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा लोगों के पास ले जाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ओएन डीसी का इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड सब बदल देगा। इस समय यह अपने अल्फा स्टेज में है। यह इनोवेटिव टूल विक्रेताओं को एक अनूठा क्यूआर कोड बनाने की अनुमति देता है जिसे ग्राहक ONDC-रजिस्टर्ड बायर ऐप का उपयोग कर स्कैन कर सकते हैं।
ओएनडीसी के एमडी और सीईओ टी कोशी ने लॉन्च इवेंट में ONDC ओएनडीसी के क्यूआर कोड को लॉन्च करते हुए कहा कि, "आज भारतीय कॉमर्स में बड़े बदलाव का क्षण है। इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड उन बाधाओं को तोड़ता है जो छोटे बिजनेस को पीछे रखती हैं। अब हर विक्रेता के पास ई-कॉमर्स दिग्गजों की तरह डिजिटल रूप से ग्राहकों तक पहुंचने की ताकत है। यह एक खुले, समावेशी और लोकतांत्रिक डिजिटल मार्केट की ओर एक बड़ी छलांग है।"
इस तकनीक की खूबसूरती इसकी सरलता और दूरगामी प्रभाव की क्षमता में निहित है। विक्रेता अपने क्यूआर कोड कहीं भी प्रदर्शित कर सकते हैं - स्टोरफ्रंट, उत्पाद, मार्केटिंग सामग्री या सोशल मीडिया पर - ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से ग्राहकों से तुरंत जुड़ सकते हैं। उपभोक्ताओं के लिए इसका मतलब है बेजोड़ सुविधा: किसी भी क्यूआर स्कैनर ऐप या ONDC बायर ऐप (वर्तमान में पेटीएम और मैजिकपिन) के साथ एक स्कैन उन्हें उनके पसंदीदा बायर ऐप के माध्यम से सीधे विक्रेता के ऑनलाइन स्टोर से जोड़ता है।
कोशी ने कहा, "स्थानीय दुकानदार, स्ट्रीट वेंडर, कारीगर के बारे में सोचें- अब उन्हें कोई भी कहीं भी खोज सकता है और उनका प्रोडक्ट खरीद सकता है।" "यह सिर्फ़ एक नई सुविधा नहीं है; यह आर्थिक विकास और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने वाली तकनीक है। लाखों बिजनेस ऑनलाइन आएंगे, नए अवसर पैदा करेंगे और भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएंगे।"
यह अल्फा लॉन्च भारत में व्यापार करने के तरीके में एक बड़े बदलाव का प्रतिनिधित्व कर रहा है। यह सिर्फ तकनीक से कहीं ज्यादा है; यह देश के हर विक्रेता के जीवन को बदलने और सभी को बराबरी से मौके उपलब्ध करने की बात है।
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