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दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब के लिए 11 सदस्यीय सलाहकार बोर्ड बनाने के शिरोमणि कमेटी के फैसले का विरोध

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब से जुड़े मुद्दों के सरलीकरण के लिए 11 सदस्यीय सलाहकार बोर्ड बनाने का कड़ा विरोध किया है। कमेटी का कहना है कि जथेदार साहिबान के फैसलों को प्रभावित करने और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को सख्त सजा से बचाने के लिए शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने यह कदम उठाया है।

मीडिया से बातचीत करते हुए सरदार कालका और सरदार काहलों ने कहा कि पूरा सिख समुदाय यह देखकर हैरान है कि एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने चौथी बार शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष बनने के बाद सबसे पहला फैसला ऐसा लिया है, जिसका उद्देश्य श्री अकाल तख्त साहिब के जथेदार साहिब और अन्य जथेदार साहिबान के फैसलों को कमजोर करना है। उन्होंने कहा कि यह एक अत्यंत निंदनीय फैसला है जो उस समय आया है जब पांचों तख्तों के जथेदार साहिबान अब एक परिवार के प्रभाव से मुक्त होकर स्वतंत्र निर्णय ले रहे हैं और उन्होंने सख्त निर्णय लेते हुए सरदार सुखबीर सिंह बादल को तंखैया घोषित किया है। आने वाले दिनों में सरदार बादल के खिलाफ और भी सख्त निर्णय लिया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि जथेदार साहिबान पर सरदार बादल के खिलाफ सख्त निर्णय न लेने के लिए दबाव बनाने हेतु यह 11 सदस्यीय सलाहकार बोर्ड बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि आज तक श्री अकाल तख्त साहिब के फैसलों पर कोई भी आपत्ति नहीं कर सका था, लेकिन अब शिरोमणि कमेटी ने न केवल फैसलों पर आपत्ति करने बल्कि उन्हें पलटने के इरादे से यह बोर्ड बना दिया है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी बादल परिवार ने अपने प्रभाव के तहत डेरा सिरसा के मुखी को माफियाँ दिलवाई हैं और श्री अकाल तख्त साहिब की गरिमा को ठेस पहुँचाई है। उन्होंने कहा कि अब ऐसा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी के इस निर्णय का पूरा समुदाय जोरदार विरोध करेगा और इसके लिए यदि आवश्यक हुआ तो सामूहिक एकता के साथ सामूहिक निर्णय भी लिया जा सकता है ताकि श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को सुनिश्चित रखा जा सके।

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