जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, पहला खुला सविधान संग्रहालय
बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार
सोनीपत / हरियाणा। 26 नवम्बर देश मेँ सविधान दिवस क़े रूप मेँ मनाया जाता है,वही सोनीपत हरियाणा स्थित ओपी जिंदल यूनिवार्सिटी मेँ बनाये गए देश का पहला सविंधान संग्रहालय जिसमे दर्शक भारत क़ो गणराज्य बंनाने वाले ऐतिहासिक दस्तावेजों क़ो डिजिटल रूप मेँ रखा गया जिसे जीवंत रूप से देख सकेंगे।सविधान संग्रहालय मेँ बनाई गयी सभी क्लाकृतिया आई आई टी मद्रास क़े सहयोग से रोबोर्ट साम्बिद टूर गाइड पूरे संग्रहालय का दर्शन करवाएगा।
यह संग्रहालय ओपी जिंदल यूनिवार्सिटी मे तीन मंजिला बनाया गया है,प्रथम तल पर बाबा साहेब अम्बेडकर की आवाज मे लोगो को सविधान संबधित सवालों के जवाब मिलेंगे, यहाँ सभी दस्तावेजों मे संविधान सम्मत लिखित सामिग्री,ऑडियो, विजुअल, प्रतीकात्मक डाकयुमेंट्री देखी जा सकतीं है।
संविधान म्यूजियाम के उद्धघाटन मे मुख्य रूप से लोक सभा स्पीकर मान्य ओम बिरला, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ यूनिवार्सिटी के चांसलर सांसद नविन जिंदल कई मान्य जज, वकील, राजनेता, ब्यूरोक्रेट, समाजिक कार्यकर्त्ता अन्य महानुभव उपस्थित रहे।संग्रहालय क़ो अमेरिका मे बने सविधान संग्रहालय की तर्ज पर बनाया गया है। दिसंबर से इसे आम लोगो के लिए भी खोल दिया जायेगा। इसमें उन 300 प्रबुद्ध लोगो क़ो भी प्रमुखता सें स्थान दिया गया है जिन्होंने सविधान लिखने मे अभूतपूर्व योगदान दिया था।
ओम बिरला ने इसे अभूतपूर्व उपलब्धि बताया,जिंदल यूनिवर्सिटी की इस पहल क़ो एक सार्थक बताया, उन्होंने देश में वासुदेव कुटुंभकुम का सन्देश दिया. बिरला ने कहा की आज हमारा सबसे मजबूत लोकतंत्र पूरी दुनिया क़ो हमारी ओर आकर्षित कर रहा है, पूरी दुनिया के लोग हमारे सविधान के मूल्यों क़ो दुनिया के कई देश अपना रहे हैं, आज हम महात्मा गाँधी, बाबा साहेब के विचारों क़ो लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्हीने बताया कि जब देश का सविधान बना उस समय समानता कि आवश्यकता थी, ओर मूल ढांचे मे समानता की नीव रखी गयी, हमारा सविधान सिर्फ कानून का ढांचा नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन का दस्तावेज है।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल नें जिंदल यूनिवार्सिटी की यह शानदार पहल हैं देश मे पहला ऐसा संग्रहालय हैं जिसे देखने के लिए सभी क़ो आने की जरूरत है. सविधान नें हमें स्वतंत्रता, एकता और समाजवाद का सन्देश दिया, उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के संदर्भ मे बताया की बाबा साहेब को भी आर्टिकल 370पसंद नहीं था, जम्मू कश्मीर में आज हर वर्ग खुली सांस ले रहा है। उन्होंने कई अनुच्छेद पर विस्तार से बताया की 14से 18तक समानता की बात की गयी है उसके बाद स्वतंत्रता की बात आती है मेघवाल नें ओम बिरला ज़ी से कहा की सभी सांसदों को इसे देखने के लियें प्रेरित किया जाये।
चांसलर, सांसद नवीन जिंदल नें कहा कि हमें गर्व है की यूनिवार्सिटी के प्रसाशनिको नें ऐसा सम्भव कर दिया खास कर प्रिंसिपल प्रो. डा. राजकुमार की प्रसंशा की ओर कहा की हमारा देश अपने सविंधान के कारण ही लोकतान्त्रिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है। आये हुए सभी नें संविधान संग्रहालय कि भूरी- भूरी प्रसंशा की।
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