तिहाड़ जेल के...

तिहाड़ जेल के बाहर बंदी सिंघों की रिहाई के लिए की अरदास

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। बंदी छोड़ दिवस के मौके पर दिल्ली के तमाम पंथक संगठनों ने तिहाड़ जेल के बाहर बंदी सिंघों की रिहाई के लिए आज अरदास की। संगतों द्वारा गुरबाणी गायन करने के बाद बंदी सिंघों की रिहाई के लिए गुरू हरगोबिंद साहिब जी के चरणों में प्रार्थना की गई। इस मौके पर शिरोमणी अकाली दल, दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना और दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने बंदी सिंघों की रिहाई में हो रही देरी के लिए दिल्ली कमेटी के मौजूदा नेताओं की कार्यशैली पर सवाल उठाए। 

मंच संचालन करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. परमिंदर पाल सिंह ने भाई दविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई पर निर्णय लेने के लिए 21 दिसंबर 2023 को आयोजित हुई दिल्ली सरकार की सजा समीक्षा बोर्ड की बैठक की कार्यवाही को सार्वजनिक किया। डॉ. परमिंदर पाल सिंह ने दावा किया कि दिल्ली सरकार के जेल मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा भाई दविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई के प्रस्ताव का समर्थन करने के बावजूद, बोर्ड के बाकी छह सदस्यों के विरोध के कारण रिहाई प्रस्ताव 6:1 से खारिज कर दिया गया। इससे पहले भी यह बोर्ड भाई देविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई के प्रस्ताव को 4-5 बार खारिज कर चुका है और एक बार निलंबित कर चुका है। यह सीधे तौर पर सिखों के साथ भेदभाव है।

सरना ने बंदी सिंघों के लिए किए गए संघर्ष को याद करते हुए दावा किया कि जैसे ही हमारी दिल्ली कमेटी बनेगी, बंदी सिंघों को तुरंत रिहा करवाया जाएगा। क्योंकि मौजूदा कमेटी ने सिख हितों को सरकार के सामने अपने लालचों के लिए गिरवी रखा हुआ है। सरना ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान वोट मांगने आने वाले नेताओं से बंदी सिंघों की रिहाई के बारे में सवाल पूछने का आग्रह किया और कहा कि अगर बंदी सिंघों का मसला हल नहीं हुआ तो सिखों को नोटा का बटन दबाने की बजाए किसी कुत्ते को वोट दे देना चाहिए, लेकिन सिखों के साथ भेदभाव करने वाले लोगों को वोट नहीं देना चाहिए। जीके ने कहा कि बंदी सिंघों की रिहाई का मुद्दा भावनात्मक मुद्दा है। इस लड़ाई को 1984 के सिख नरसंहार के लिए न्याय की लड़ाई की तरह लड़ने की जरूरत है। 

जैसे हमने लड़ाई लड़ी और सज्जन कुमार को जेल भिजवाया था। उसी प्रकार आज जरूरत है कि बंदी सिंघों की रिहाई के लिए मोर्चा खोलने की। क्योंकि सरकारें सरेआम बंदी सिंघों, राम रहीम और बिलकिस बानो के मामले में कानून को अलग-अलग रुप से परिभाषित कर रही हैं। बड़ी संख्या में आए न्यायप्रिय लोगों का भाई गुरदीप सिंह मिंटू ने कौमी इंसाफ मोर्चा, मोहाली की तरफ से धन्यवाद किया।दिल्ली कमेटी के कई सदस्य, सिंह सभाओं के पदाधिकारी, गतका अखाड़ों के सदस्य सहित महिलाएं भी इस अवसर पर शामिल हुईं।

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